नमस्ते दोस्तों यह पेज ख़ास उन लोगो के लिए ही बनाया है जिनको हनुमान चालीसा या फिर हनुमानजी के बारे में बोहत कुछ जानने की तीव्र इच्छा होती है। यहाँ पर आपको हनुमान चालीसा और हनुमान जी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिल जाएगी ठीक है।
हनुमान चालीसा (FAQ)
हनुमान चालीसा क्या है और इसे किसने लिखा है?
हनुमान चालीसा हिंदू धर्म के प्रसिद्ध भजनों में से एक है जो भगवान हनुमान जी को प्रसन्न और करने के लिए गायी जाती है। इस हनुमान चालीसा को 400 साल पहले गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा बनायीं गई है। हनुमान चालीसा में 40 चौपाइयां और 2 दोहे होते हैं इसलिए उसे चालीसा भी कहा जाता है।
इसमें भगवान हनुमान जी के किये हुए कार्यो को, उनके गुणों को, उनकी महिमा के बारे में और उनकी श्री राम के प्रति भक्ति और श्रद्धा के बारे में बताया गया है। इस भजन को ख़ास कर के हर मंगलवार, शनिवार और हनुमान जयंती जैसे धार्मिक अवसर पर बड़े ही प्रेम से गाया जाता है।
हनुमान चालीसा किसने लिखी है?
हनुमान चालीसा के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी हैं, जो रामचरितमानस के रचयिता भी हैं। हनुमान चालीसा में हनुमान जी के जन्म, उनकी शक्तियों, उनके द्वारा किए गए कार्यों, और भगवान राम के प्रति उनकी भक्ति का वर्णन है।
हनुमान चालीसा में कितने दोहे और कितनी चौपाइयां है?
हनुमान चालीसा में कुल 40 चौपाइयां हैं। तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमान चालीसा में 3 दोहे और 40 चौपाइयां हैं.
क्या में पलंग पर सोते सोते हनुमान चालीसा पढ़ सकता हु?
अरे मेरे प्यारे लाल तुम्हारी मर्ज़ी जहा चाहो वहा हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते है। तुम बिस्तर पर भी पाठ कर सकते हो इसमें डरने की क्या बात है हनुमान जी थोड़ी न गदा लेकर तुम्हे मारने आने वाले है।
क्या महिलाएं मासिक धर्म के दौरान हनुमान चालीसा पढ़ सकती हैं?
जी नहीं महिलाए मासिक धर्म में हनुमान चालीसा का पाठ नहीं कर सकती है और महिलाओ को हनुमान जी के की मूर्ति या फोटो के आगे जुकना भी नहीं चाहिए क्योकि वो एक ब्रम्हचारी है और वो हर एक महिला को अपनी माँ के समान ही देखते है इसलिए महिलाओ का जुकना उन्हें पसंद नहीं है।
पर रुको जरा आज के युवा की अपनी एक अलग ही मान्यता है जरा वो भी सुन लीजिए की क्या कहना चाहते है। यहाँ दो तरह की मान्यता को मानने वाले लोग है में आपको निचे बताया है।
1. धार्मिक मान्यता: कुछ धार्मिक ग्रंथों और परंपराओं के अनुसार, मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को पूजा-पाठ, मंदिर जाने और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने से बचना चाहिए।
कारण: इस दौरान महिलाएं “अशुद्ध” होती हैं।
2. वैज्ञानिक मान्यता: मासिक धर्म एक प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया है। इसमें शर्म करने की कोई बात नहीं है। आप जो चाहे वो पढ़ सकती है क्योकि भगवान आत्मा की शुद्धि देखता है उनको हमारे शरीर से कोई मतलब नहीं है।
अब आप खुद अपना निर्णय ले लीजिए की आप कौनसी मान्यता को मानने वाली इंसान है ठीक है। अगर मेरी माने तो आपको हनुमान चालीसा के को हाथ में लेकर नहीं पढ़ना चाहिए पर अगर आपको संपूर्ण हनुमान चालीसा मन में याद है तो आप जरूर इसका जाप कर सकती है।
क्या हम नॉनवेज-मांसाहारी खाना खाने के बाद हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं?
हां, नॉनवेज यानी मांसाहारी व्यक्ति भी हनुमान चालीसा का पाठ कर सकता है. हनुमान चालीसा में भोजन या उस जैसी किसी भी चीज़ पर कोई बंधन नहीं है. हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि अगर आप हनुमान जी के किसी भी पाठ या मंत्र को सिद्धि करना चाहते हैं, तो आपको नॉनवेज नहीं खाना चाहिए. वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि हनुमान जी बचपन से ही सख्त ब्रह्मचारी हैं, इसलिए उनकी पूजा करते समय कुछ प्रतिबंधों का पालन करना चाहिए.
यह सच है कि हनुमान चालीसा का पाठ करते समय सात्विक आहार का पालन करना उचित माना जाता है। इसका मतलब है कि मांस, मछली, शराब और अन्य तामसिक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
हनुमान जी को भगवान राम का परम भक्त माना जाता है और भगवान राम शाकाहारी थे। इसलिए, हनुमान जी को भी शाकाहारी भक्त माना जाता है। हनुमान चालीसा में भी कई ऐसे श्लोक हैं जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि हनुमान जी सात्विक जीवन जीते थे।
हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि जो लोग मांसाहारी भोजन करते हैं वे हनुमान जी की भक्ति नहीं कर सकते। भक्ति का आधार श्रद्धा और विश्वास है और यह किसी भी रूप में हो सकता है।
लेकिन यह भी सच है कि मांसाहारी भोजन हमारे शरीर और मन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह हमें क्रोधित, हिंसक और आलसी बना सकता है।
इसलिए यदि आप हनुमान जी की भक्ति पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ करना चाहते हैं तो शाकाहारी भोजन का पालन करना ही उचित होगा।
क्या हम रात को हनुमान चालीसा सुन सकते है?
हां, आप रात में हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं। मान्यता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से मन शांत होता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं जिससे अच्छी नींद आती है। और रात में नकारात्मक शक्तियां अधिक सक्रिय मानी जाती हैं। हनुमान चालीसा का पाठ इन शक्तियों से हमारा बचाव करने में मदद कर करता है।
क्या नहाये बिना हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ सकते है?
धार्मिक ग्रंथों और मान्यताओं के अनुसार, स्नान किए बिना हनुमान चालीसा का पाठ करना उचित नहीं माना जाता है।
इसके पीछे कुछ कारण हैं:
शारीरिक और मानसिक शुद्धता: स्नान करने से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं, जो भक्ति के लिए आवश्यक माना जाता है।
सम्मान: किसी भी देवी-देवता की पूजा या पाठ करते समय स्वच्छ और पवित्र होना उनका सम्मान दर्शाता है।
ध्यान केंद्रित करना: स्नान करने से मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है जिससे आप हनुमान चालीसा का पाठ पूरे मन से कर सकते हैं।
नकारात्मक ऊर्जा का नाश: माना जाता है कि स्नान करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है जो भक्ति में बाधा डाल सकती है।
हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियां हो सकती हैं जिनमें स्नान किए बिना हनुमान चालीसा का पाठ करना स्वीकार्य हो:
अस्वस्थता: यदि आप बीमार हैं या अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं तो आप स्नान किए बिना हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं।
समय की कमी: यदि आपके पास स्नान करने का समय नहीं है तो आप कम से कम हाथ-पांव धोकर और मुंह साफ करके हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं।
आपातकालीन स्थिति: यदि आप किसी आपातकालीन स्थिति में हैं तो आप स्नान किए बिना हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं।
हनुमान चालीसा इतनी शक्तिशाली क्यों है?
हनुमान चालीसा इतनी शक्तिशाली है क्योंकि इसमें भगवान हनुमान की महानता और उनकी शक्तियों की महिमा का गान किया गया है। यह चालीसा भक्तों को न केवल आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती है, बल्कि उन्हें संरक्षण, समर्थन, और आत्मविश्वास भी देती है।
हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्तों को आत्मा की ऊर्जा, मानसिक शांति, और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार मिलता है।
इसके जाप से नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है और व्यक्ति को चारों धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस चालीसा के पाठ से भक्तों का मन और शरीर पवित्रता, शक्ति, और धैर्य से परिपूर्ण हो जाता है जो उन्हें सभी प्रकार के कठिनाईयों के सामना करने में सहायक होता है।
हनुमान चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
दोस्तों मान्यता है की नियमित रूप से 40 दिनों तक पाठ करने से विशेष लाभ मिलते हैं। ख़ास करके मंगलवार या शनिवार से शुरू करके 40 दिन तक करना शुभ माना जाता है। या फिर हनुमान जयंती या मंगलवार को शुरू करके 11 बार पाठ करना भी लाभकारी माना जाता है।
लेकिन, सबसे जरुरी बात ये है आपके अंदर भगवान हनुमान को लेकर श्रद्धा और विश्वास कितना है।
यदि आप पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, तो आपको शीघ्र ही लाभ मिलने लगेंगे। धैर्य रखें और नियमित रूप से पाठ करते रहें।
हनुमान चालीसा को आसानी से कैसे याद करे और सीखे?
हनुमान चालीसा को आसानी से याद करने और सीखने के कुछ तरीके:
1. धीरे-धीरे और लगातार अभ्यास:
- सबसे पहले हनुमान चालीसा को धीरे-धीरे और स्पष्ट रूप से पढ़िए।
- हर एक शब्द और हर एक चौपाई का अर्थ समझने का प्रयास करें।
- हर रोज़ थोड़ा-थोड़ा याद कीजिए जैसे जैसे याद होता जाए उस हिसाब से आगे बढिये।
- हार न मानें और निरंतर अभ्यास करते रहें।
2. ऑडियो का उपयोग:
- हनुमान चालीसा का ऑडियो सुनें और उसके साथ-साथ बोलने का प्रयास करें। यह आपके उच्चारण और बोली को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
- यहाँ मैंने दिया है ऑडियो आप इसे सुन सकते है।
3. वीडियो का उपयोग:
- हनुमान चालीसा का यूट्यूब वीडियो देखें और उसके साथ-साथ बोलने का प्रयास करें।
- वीडियो में अक्सर हनुमान जी की छवियां और मंदिरों के दृश्य होते हैं, जो आपको भक्ति भाव में डुबोने में मदद कर सकते हैं।
4. मोबाइल ऐप का उपयोग:
- हनुमान चालीसा सिखाने वाले कई मोबाइल ऐप प्ले स्टोर में मिल जायेंगे उनकी हेल्प लीजिए।
- इन ऐप में अक्सर इंटरैक्टिव फीचर होते हैं जो सीखने को आसान बनाते हैं।
5. समूह में अभ्यास:
- यदि संभव हो तो हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले किसी समूह में शामिल हों।
- परिवार या दोस्तों के साथ मिलकर पाठ करने से आपको प्रेरणा और प्रोत्साहन मिलेगा।
6. धैर्य रखें:
- हनुमान चालीसा को याद करने में समय लग सकता है।
- धैर्य रखें और निराश न हों।
- नियमित अभ्यास से आप निश्चित रूप से इसे याद कर लेंगे।
क्या हम हररोज़ हनुमान चालीसा सुन या पढ़ सकते है?
बिलकुल आप हररोज़ नियमित रूप से इसका पाठ कर सकते है ख़ास कर के अगर आप एक स्टूडेंट, बिजनेसमैन या एक व्यापारी है तो आपको जरूर हनुमान चालीसा का पाठ दिन में एक बार तो करना ही चाहिए इससे आपकी बुद्धि बढ़ेगी और जीवन में सुख-समृद्धि में भी बढ़ावा मिलेगा।
पर आजके इस कलियुग में हमारे पास सभी को देने के लिए टाइम है सिवाय भगवान के तो अगर आप भी एक बिजी व्यक्ति है तो भी आप मंगलवार या शनिवार के दिन एक बार तो चालीसा का पाठ जरूर कीजिए।
हनुमान चालीसा के पाठ से रोगों का इलाज हो जाता है क्या यह सच है?
हनुमान चालीसा एक शक्तिशाली भक्ति गीत है जो भगवान हनुमान की स्तुति करता है।
माना जाता है कि इसके पाठ से कई लाभ होते हैं जिनमें मानसिक शांति, सुरक्षा, समृद्धि और रोगों से मुक्ति शामिल हैं।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हनुमान चालीसा कोई चमत्कारी इलाज नहीं है।
यह एक आध्यात्मिक और मानसिक अभ्यास है जो आपको रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान कर सकता है लेकिन यह किसी भी प्रकार के चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है।
यदि आप बीमार हैं तो आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और उचित चिकित्सा उपचार लेना चाहिए।
हनुमान चालीसा का पाठ आपके चिकित्सा उपचार को पूरक बना सकता है और आपको जल्दी ठीक होने में मदद कर सकता है। कहते है न की दवा और दुआ दोनों साथ में हो तो जल्द स्वस्थ हो जायेंगे।
हनुमान चालीसा को 100 बार कैसे पढ़ें और कितना टाइम लगता है?
अगर आप एक दिन में 100 बार हनुमान चालीसा पढ़ना चाहते हैं, तो आप इसे चार भागों में बांटकर दिन के चार अलग-अलग समय में हर चक्र में 25 बार पढ़ सकते हैं. इसके अलावा आप इसे 10 अलग-अलग घंटों में 10 बार भी पढ़ सकते हैं. हनुमान चालीसा को पूरा पढ़ने में करीब 9 मिनट 3 सेकंड लगते हैं इस तरह 100 बार पढ़ने में 950 मिनट यानी 16 घंटे लगेंगे.
हनुमान चालीसा पढ़ने का समय क्या होना चाहिए?
वैसे तो आप हनुमान चालीसा कभी भी पढ़ सकते है पर कहा जाता है की रात्रि को या सुबह ब्रम्हमुहूर्त में पढ़ने से आपको विशेष लाभ मिलते है ऐसा इसलिए है क्योकि उस समय आपके आसपास एकदम शांति का माहौल होता है जिससे आप ध्यान लगा कर के इस चालीसा का पाठ कर सकते है। बाकी आप अपनी इच्छा अनुसार कभी भी इसका पाठ कर सकते है।
हनुमान चालीसा पढ़ने से पहले कौनसी गलतिया आपको नहीं करनी है?
हमेशा पाठ शुरू करने से पहले आपको स्नान करके ही बैठना चाहिए, नॉनवेज या मांसाहार नहीं खाना चाहिए, हमेशा आसान पर ही बैठ कर ही पाठ करना चाहिए, हनुमान चालीसा शुरू करने से पहले प्रभु श्री राम की आराधना करनी चाहिए।
हनुमान चालीसा के समय कौन सा दीपक जलाएं?
हनुमान चालीसा पढ़ते समय आप घी का दीपक जला सकते हैं। घी का दीपक शुभ और पवित्र माना जाता है। यह ज्ञान, समृद्धि और प्रकाश का प्रतीक है।
पर आप चाहे तो हनुमान जी को सरसों का तेल का दीपक भी जला सकते है वो उनका प्रिय है। इसलिए आप अपनी सुविधानुसार घी या सरसों के तेल का दीपक जला सकते हैं।
दीपक जलाने का महत्व:
- शुद्ध और पवित्र वातावरण बनाता है।
- एकाग्रता और भक्तिभाव बढ़ाता है।
- नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
- मन को शांति देता है।
- भगवान हनुमान को प्रसन्न करता है।
दीपक जलाने की विधि:
- दीपक हमेशा स्वच्छ तेल और नई बत्ती से जलाएं।
- दीपक को हनुमान जी की मूर्ति या प्रतिमा के सामने रखें।
- दीपक की लौ को स्थिर रखें।
- यदि आप दीपक जलाकर पूजा करते हैं तो उसे अंत तक जलने दें।
- बुझाते समय दीपक को पानी में न डालें।
दोस्तों यहाँ सम्पूर्ण सवाल जवाब मैंने आपके दे दिए है अगर आपके और भी नए कोई सवाल है तो आप हमसे जरूर संपर्क करे हम आपके उन सभी सवालो का जवाब देंगे और यहाँ एड भी कर देंगे ताकि आपके जैसे और भी जिज्ञासु इंसान को भी नए सवालो को पढ़ने का आनद आता रहे शुक्रिया। लेख काफी लम्बा लिखा है अगर आप इसे एक बार किसी को शेयर करेंगे तो हमें ऐसे ही लेख लिखने का उत्साह होगा जय श्री राम।