श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित – Hanuman Chalisa Meaning in Hindi

Written by Aaditya JyotishAaditya Jyotish – Verified Author

हनुमान चालीसा अर्थ सहित समझना हर भक्त के लिए एक खास अनुभव होता है। इस पेज पर हमने हर दोहे और चौपाई का मतलब आसान भाषा में बताया है ताकि आप हनुमान जी की महिमा को और गहराई से समझ सकें।

जब आप इन अर्थों को जानकर चालीसा का पाठ करेंगे तो आपकी भक्ति और भी प्रबल हो जाएगी। अगर आप हनुमान चालीसा के शब्दों के पीछे छुपे अर्थ को समझना चाहते हैं तो यह पेज आपके लिए बिल्कुल सही जगह है।

जय श्रीं राम बोलकर पढ़ना शुरू कर दीजिए।

श्री हनुमान चालीसा सहित अर्थ सहित

दोहा

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥

अर्थ: मैं अपने गुरुजी के पवित्र चरणों की धूल से अपने मन के दर्पण को साफ करता हूँ और श्री रघुनाथ जी के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष ये चारों फल देता है।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार ।
बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार ॥

अर्थ: हे पवन कुमार! मैं आपकी स्मृति करता हूँ क्योंकि मेरी बुद्धि कमजोर है। कृपया मुझे ताकत, समझदारी और ज्ञान दें, और मेरे सभी दुख और दोष दूर कर दें।

चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥

अर्थ: जय हो हनुमान जी, जो ज्ञान और गुणों के सागर हैं। हे कपीश्वर! आपकी जय हो, जिनकी महिमा तीनों लोकों—स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल में फैल रही है।

राम दूत अतुलित बल धामा ।
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥

अर्थ: हे पवनसुत अंजनी नंदन! आपके जैसा कोई और इतना बलवान नहीं है।

महाबीर बिक्रम बजरंगी ।
कुमति निवार सुमति के संगी ॥

अर्थ: हे महाबीर बजरंगबली! आप बहुत पराक्रमी हैं। आप बुरी सोच को दूर करते हैं और अच्छी बुद्धि वालों के सच्चे साथी हैं।

कंचन बरन बिराज सुबेसा ।
कानन कुंडल कुँचित केसा ॥

अर्थ: आपका रंग सुनहरा है, आप सुंदर वस्त्रों से सज्जित हैं, कानों में कुंडल और बाल घुंघराले हैं।

हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे ।
काँधे मूँज जनेऊ साजे ॥

अर्थ: आपके हाथ में बज्र और ध्वजा हैं, और कंधे पर मूंज का जनेऊ पहना है।

शंकर सुवन केसरी नंदन ।
तेज प्रताप महा जगवंदन ॥

अर्थ: शंकर जी के अवतार, हे केसरी नंदन! आपके पराक्रम और महान यश की दुनिया भर में प्रशंसा होती है।

विद्यावान गुनी अति चातुर ।
राम काज करिबे को आतुर ॥

अर्थ: आप विद्या और गुणों से भरपूर बहुत चतुर हैं और श्री राम के काम करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।
राम लखन सीता मनबसिया ॥

अर्थ: आप श्री राम के चरित्र को सुनकर आनंदित होते हैं और राम, लक्ष्मण और सीता आपके हृदय में सदा बसे रहते हैं।

सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा ।
विकट रूप धरि लंक जरावा ॥

अर्थ: आपने बहुत छोटा रूप लेकर सीता जी को दर्शन दिए और जबरदस्त रूप धारण करके लंका को जलाया।

भीम रूप धरि असुर सँहारे ।
रामचंद्र के काज सवाँरे ॥

अर्थ: आपने भीम रूप लेकर राक्षसों का संहार किया और श्री रामचंद्र के कामों को सफल बनाया।

लाय सजीवन लखन जियाए ।
श्री रघुबीर हरषि उर लाए ॥

अर्थ: आपने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी को जीवित किया, जिससे श्री रघुवीर बहुत खुश होकर आपको अपने हृदय से लगा लिया।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई ।
तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई ॥

अर्थ: श्री रामचंद्र जी ने आपकी बहुत प्रशंसा की और कहा कि आप मेरे प्यारे भाई भरत जैसे हैं।

सहस बदन तुम्हरो जस गावै ।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावै ॥

अर्थ: श्री राम ने कहा कि आपका यश हजारों मुख से गाया जाता है, और ये कहकर उन्होंने आपको अपने कंठ से लगा लिया।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।
नारद सारद सहित अहीसा ॥

अर्थ: सनकादि मुनि, ब्रह्मा जी, नारद जी, सरस्वती जी और शेषनाग जैसे सभी देवता और ऋषि आपकी प्रशंसा करते हैं।

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते ॥

अर्थ: यमराज, कुबेर और दिशाओं के रक्षक जैसे सभी, कवि और विद्वान भी आपके यश का पूरा वर्णन नहीं कर सकते।

तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा ।
राम मिलाय राज पद दीन्हा ॥

अर्थ: आपने सुग्रीव जी की मदद की और उन्हें श्री राम से मिलवाया, जिससे वे राजा बने।

तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना ।
लंकेश्वर भये सब जग जाना ॥

अर्थ: आपके बताए हुए रास्ते पर विभिषण जी ने चलकर लंका के राजा बने, और यह बात पूरी दुनिया जानती है।

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू ।
लिल्यो ताहि मधुर फ़ल जानू ॥

अर्थ: जो सूर्य हजारों योजन दूर है, उसे आपने एक मीठे फल की तरह पकड़ लिया। यह बात बहुत अद्भुत है।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही ।
जलधि लाँघि गए अचरज नाही ॥

अर्थ: आपने श्री राम की अंगूठी मुंह में रखकर समुद्र पार कर लिया, इसमें कोई हैरानी नहीं।

दुर्गम काज जगत के जेते ।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥

अर्थ: इस दुनिया के जितने भी कठिन काम हैं, आपकी कृपा से वे आसान हो जाते हैं।

राम दुआरे तुम रखवारे ।
होत ना आज्ञा बिनु पैसारे ॥

अर्थ: आप श्री राम के द्वार के रखवाले हो, जहाँ आपकी अनुमति के बिना कोई भी प्रवेश नहीं कर सकता।

सब सुख लहैं तुम्हारी सरना ।
तुम रक्षक काहु को डरना ॥

अर्थ: जो भी आपकी शरण में आता है, उसे सभी सुख मिलते हैं, और जब आप रक्षक हैं तो किसी को डरने की जरूरत नहीं।

आपन तेज सम्हारो आपै ।
तीनों लोक हाँक तै कापै ॥

अर्थ: आपकी शक्ति और तेज़ को कोई रोक नहीं सकता, आपकी गर्जना से तीनों लोक डर के कांप जाते हैं।

भूत पिशाच निकट नहि आवै ।
महावीर जब नाम सुनावै ॥

अर्थ: जहाँ भी महावीर हनुमान जी का नाम लिया जाता है, वहाँ भूत-पिशाच भी पास नहीं आते।

नासै रोग हरे सब पीरा ।
जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥

अर्थ: वीर हनुमान जी का लगातार जाप करने से सारे रोग और दुख दूर हो जाते हैं।

संकट तै हनुमान छुडावै ।
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै ॥

अर्थ: जो व्यक्ति हनुमान जी को मन, शब्द और कर्म से याद करता है, वह हर तरह के संकटों से बच जाता है।

सब पर राम राज सिरताजा ।
तिनके काज सकल तुम साजा ॥

अर्थ: श्री रामचंद्र जी सबके ऊपर सबसे श्रेष्ठ राजा हैं, और उनके सभी कामों को आपने पूरा किया है।

और मनोरथ जो कोई लावै ।
सोई अमित जीवन फल पावै ॥

अर्थ: जिस पर आपकी कृपा होती है, उसकी जो भी इच्छा हो, उसे जीवन भर का अपार फल मिलता है।

चारों जुग परताप तुम्हारा ।
है परसिद्ध जगत उजियारा ॥

अर्थ: आपके यश और पराक्रम चारों युगों—सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलियुग—में प्रसिद्ध हैं और पूरी दुनिया में आपकी कीर्ति फैल चुकी है।

साधु संत के तुम रखवारे ।
असुर निकंदन राम दुलारे ॥

अर्थ: आप साधु-संतों के रक्षक हैं और दुष्ट असुरों का संहार करने वाले श्री राम के प्रिय हैं।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ।
अस बर दीन जानकी माता ॥

अर्थ: माता जानकी ने आपको ऐसा वरदान दिया है कि आप आठ सिद्धियां और नौ निधियां देने वाले हैं।

राम रसायन तुम्हरे पासा ।
सादर हो रघुपति के दासा ॥

अर्थ: आपके पास राम का औषधि जैसा ज्ञान है, जिससे वृद्धावस्था और कष्टकारी रोग दूर होते हैं, और आप श्री रघुनाथ जी के भक्तों के प्रिय हो।

तुम्हरे भजन राम को पावै ।
जनम जनम के दुख बिसरावै ॥

अर्थ: आपका भजन करने से श्री राम की प्राप्ति होती है और जन्मों के दुख दूर हो जाते हैं।

अंतकाल रघुवरपुर जाई ।
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥

अर्थ: मृत्यु के समय व्यक्ति श्री रघुनाथ जी के धाम को जाता है, और अगली बार जन्म लेने पर वह भक्ति करेगा और राम भक्त कहलाएगा।

और देवता चित्त ना धरई ।
हनुमत सेई सर्व सुख करई ॥

अर्थ: हनुमान जी की सेवा से सभी सुख मिलते हैं, इसलिए अन्य देवताओं की ज़रूरत नहीं पड़ती।

संकट कटै मिटै सब पीरा ।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥

अर्थ: जो हनुमान जी का निरंतर स्मरण करता है, उसके सभी संकट और कष्ट दूर हो जाते हैं।

जै जै जै हनुमान गुसाईँ ।
कृपा करहु गुरु देव की नाई ॥

अर्थ: हे हनुमान जी! आपकी जय-जय-जय हो। कृपया मुझ पर गुरु जी की तरह दया करें।

यह शत बार पाठ कर जोई ।
छूटे बंदि महासुख होई ॥

अर्थ: जो भी इस हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करेगा, वह सारे बंधनों से मुक्त होकर अपार सुख पाएगा।

जो यह पढ़े हनुमान चालीसा ।
होय सिद्ध साखी गौरीसा ॥

अर्थ: भगवान शंकर ने इस चालीसा को लिखा है और वे इसकी साक्षी हैं, इसलिए जो इसे पढ़ेगा वह निश्चित सफल होगा।

तुलसीदास सदा हरि चेरा ।
कीजै नाथ हृदय मह डेरा ॥

अर्थ: हे हनुमान जी! तुलसीदास हमेशा श्री राम का दास रहा है, कृपया आप उसके हृदय में स्थान बनाएं।

दोहा

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप ।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ॥

अर्थ: हे संकट मोचन पवनसुत! आप सुख और मंगल के रूप हैं। कृपया श्री राम, लक्ष्मण और सीता जी के साथ मेरे हृदय में निवास करें।

हनुमान चालीसा अर्थ - सरल हिंदी में

तो यह थी हनुमान चालीसा के सरल हिंदी में अर्थ की पूरी व्याख्या। आशा है कि आपको इसे समझने में आसानी हुई होगी और आपकी भक्ति और भी मजबूत हुई होगी। हनुमान जी की कृपा सदैव आप पर बनी रहे। अगर यह जानकारी आपके लिए उपयोगी रही हो तो कृपया इसे अपने मित्रों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें।

Aaditya Jyotish, Religious Content Writer at hanumanchalisas.com
आदित्य ज्योतिष - मैं 20 साल से ज्योतिष और धार्मिक अध्ययन में अनुभवी हूँ। मैंने M.A. Sanskrit & Religious Studies (श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, दिल्ली) से किया है। मैंने 30 नवंबर 2020 को Hanumanchalisas.com शुरू किया ताकि हनुमान चालीसा और उनसे जुड़ी सही जानकारी, जैसे लिरिक्स, PDF और ऑडियो, सभी एक जगह मिलें। हमारी टीम में 10 से अधिक विशेषज्ञ हैं जो हर लेख को ध्यानपूर्वक जांचते हैं ताकि आपको हमेशा भरोसेमंद और सही जानकारी मिले।

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